LATEST:


Showing posts with label Google. Show all posts
Showing posts with label Google. Show all posts

Wednesday, July 16, 2014

आपको पता है गूगल और फेसबुक के पहले क्या नाम थे?




गूगल को शुरू करने की योजना 1995 में लेरी पेज और सर्जी ब्रेन ने बनाई थी। इसके बाद दोनों ने मिलकर 1996 में इस सर्च इंजन को "बैकरब" नाम से शुरू किया जो बाद में चलकर "गूगल" में बदल गया।


गूगल ही नहीं बल्कि दुनिया में कई ऎसी बड़ी कंपनियां है जिनका पहले नाम कुछ और और अब कुछ और। आपको बता दें कि सोनी का नाम पहले "टोक्यो टेलीकम्युनिकेशंस इंजीनियरिंग" था। ऎसे ही याहू का नाम "जेरीस गाइड टू द वर्ल्ड वाइड वेब" और आईबीएम का नाम "कम्प्यूटिंग रिकॉर्डिग कॉर्पोरेशन" था। इनके अलावा पेप्सी का नाम "बै्रड्स ड्रिंक" और फेसबुक को "दी फेसबुक" नाम से शुरू किया गया था।
Read more :-

Friday, September 28, 2012

14 साल के गूगल की 10 खास बातें, ऐसे बना इंटरनेट का बादशाह

 
इंटरनेट की दुनिया से जुड़े लोगों से यह पूछना कि आप गूगल के बारे में जानते है, बेमानी सवाल होगा. 1998 में शुरू यह सर्च इंजन जल्द ही लोगों की रोजमर्रा का जीवन का हिस्सा बन गया. गुरुवार को गूगल अपनी 14वीं सालगिरह मना रहा है.


लोग अक्सर पूछते हैं कि गूगल सर्च इंजन होने के क्या मायने हैं, इसका पहला जवाब होता है भरोसा. इंटरनेट पर किसी को कुछ भी चाहिए, उसका पहली शुरूआत गूगल होमपेज से ही होती है. गूगल ने इंटरनेट सर्चिंग को आसान बनाया है. सर्च इंजन ज्यादा यूसर फ्रेंडली हुआ है. यूट्यूब से जीमेल तक और एंड्रोइड से लेकर गूगल अर्थ तक हर जगह पूरी दुनिया गूगलमय हो गई है.

आइए जानते हैं गूगल के बारे में कुछ बातें.
 
 
अगर आपको कोई चीज को सर्च करना हो तो हम कहते हैं गूगल पर सर्च करो न कि इंटरनेट पर। इस बात मतलब यह कि आज गूगल इंटरनेट का पर्याय बन चुका है। इस कंपनी की शुरुआत आज से 14 साल पहले 1995 में हुई थी। गूगल को गूगल बनाने वाले लैरी पेज और सर्जे ब्रिन 1995 में पहली स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में मिले। साल 1996 में उन्होंने पहला सर्च इंजन बेकरब बनाया। डोमेन रजिस्टर करने के वक्त इसे गूगल नाम दिया। दरअसल 'गूगल' असल में गोगल की गलत स्पेंलिंग है। गूगल एक बहुत बड़ी संख्या है, जिसमें 1 से लेकर 100 शून्य लगते हैं। गूगल इंक आधिकारिक रूप से 1998 में दर्ज कर ली गई। उस समय दुनिया की बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में एक 'सन' ने एक लाख डॉलर के बदले कंपनी खरीदने की कोशिश की थी। वह भी ऐसे समय में, जब गूगल का कोई अस्तित्व नहीं था।
1998 में पहली बार गूगल डूडल दर्शकों को होमपेज पर दिखाई दिया। इसमें नेवाडा में बर्निग फेस्टीवल में भाग ले रहे लोगों के बारे में था। गूगल में डूडल की बहुत बड़ी टीम काम करती है, जो अभी तक एक हजार से ज्यादा डूडल पोस्ट कर चुकी है। डूडल एक खास तरह का लोगो होता है, जो गूगल पर किसी भी खास दिन या किसी बड़े व्यक्ति की याद पर लगाया जाता है।
2000 में गूगल ने एडवर्ड की शुरुआत की। यह सेल्फ सर्विस प्रोग्राम है, जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन कैम्पेन चला सकता है। आज के विज्ञापन संबंधी समाधान, जैसे डिस्प्ले, मोबाइल, वीडियो और सिंपल टैक्स्ट की शुरुआत एक दशक पहले हो चुकी थी। इस सर्विस ने हजारों व्यापार फर्म्स को फायदा पहुंचाया।
2004 में अप्रैल फूल यानी एक अप्रैल के दिन गूगल ने जीमेल शुरू किया। सबसे ज्यादा स्टोरेज, तेजी से मेल सेंड करने की क्षमता ने लोगों के बीच इसे लोकप्रिय बना दिया। शुरुआत में इसे जीमेल अकाउंट बनाने के लिए इसका आमंत्रण होना बहुत जरुरी होता था. बाद में पापुलर होने के बाद यह सबके लिए फ्री कर दिया गया.

 

18 अगस्त 2004 में गूगल को नैस्डक में लिस्ट हो गई। उसे शुरुआत में 19,605,052 पब्लिक शेयर मिले। कंपनी ने बेशुमार दौलत कमाई. साथ ही इसमें पैसा लगाने वालों ने भी.
2004 में ही गूगल ने डिजिटल मैपिंग कंपनी कीहोल को अधिग्रहण कर लिया और 2005 में गूगल मैप और गूगल अर्थ जैसी नई एप्लीकेशन लांच की। इसमें ऐसे फीचर हैं, जो पलभर पूरी दुनिया का नाप दें. वही अब इसकी पहुंच चन्द्रमा तक है.
गूगल की जीफोन लाने को लेकर बहुत सारे कयास लगाए जा रहे थे। बाद में कंपनी मोबाइल फोन के लिए एंड्रोएड प्लेटफॉर्म लेकर आई। यह आज सभी फोन यूजर की जरूरत बन गया है।
 
गूगल कोई भी उत्पाद लाता था और वह कुछ दिनों में हिट भी हो जाता है। 2 सितम्बर 2008 में न्यू ओपन सोर्स वेब ब्राउजर लांच किया गया है, जिसका नाम था गूगल क्रोम था, इसके आने के बाद इंटरनेट यूजर को एक नया एहसास मिला.
2001 तक लैरी पेज गूगल के वास्तविक सीईओ बने रहे। अप्रैल 2011 में उन्हें फिर इस पद पर बैठाया गया। एरिक स्मिट एग्जेक्यूटिव चेयरमैन हैं, वे पिछले 10 साल से इस पद पर आसीन हैं।
2006 में गूगल ने ऑनलाइन वीडियो शेयरिंग साइट यू-ट्यूब खरीद ली। यू-ट्यूब पर हर मिनट के हिसाब से 60 घंटे तक वीडियो अपलोड किए जाते हैं। वहीं दुनिया भर लाखों चैनल पर आने वाले प्रोग्राम इस पर अपलोड होते हैं, इस तरह की चीज ने दुनिया को और पास लाकर खड़ा कर दिया.
Read more :-

Thursday, December 29, 2011

Convert your Blog into magazine with Google Currents


Google Currents is the newly launched Flipboard like apps which can convert your blog into a magazine format. This magazine format of your blog can be read on mobile phones, tablet, iPad, iPhone and Android devices. Best part is that converted magazine format of the blog can be accessed offline as well with embedded images. You just need to provide the title and the RSS feed of your blog and that’s all it needs. It then converts the blog RSS feed into a magazine format quite suited for tablet, iPad, iPhone, Android and mobile phones.
Google currents apps is currently available for Android and iOS platforms. Hence, you can free download it either from Android market or Apple iTunes store. However, it is currently available only for users from USA.

Once you have downloaded and installed Google Currents, you can read just any blog which has been published into Google Currents on your mobile devices and that too in a neat and clean magazine format.
Read more :-

Friday, September 23, 2011

शुरू हो गई गूगल की सबसे ‘अनोखी’ सर्विस!


दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन कंपनी गूगल ने अपने ग्राहकों के लिए एक बेहद अनोखी सर्विस की शुरूआत कर दी है। इस सर्विस का नाम हैगूगल वालेटऔर इसके जरिए लोगों को मोबाइल फोन से ही पमेंट करने की सुविधा दी जाएगी। आपको बता दें कि गूगल वालेट एक एप्लीकेशन है जो लोगों को फोन के जरिए भुगतान करने की सुविधा देगा।



गूगल कंपनी की तरफ से इस साल मई महीने के दौरान ही गूगल वालेट सर्विस लांच करने की बात कही गई थी। लेकिन इस अब जाकर इस्तेमाल के लिए पेश किया गया है।



कंपनी की तरफ से बताया गया है कि यह एप्लीकेशन शुरुआती दौर में केवल नेक्सस एस 4जी फ़ोन पर स्प्रिंट के साथ उपलब्ध होगा। यह भी कहा गया है कि लोग गूगल की इस सेवा की मदद से अपने सिटी मास्टरकार्ड क्रेडिट कार्ड और गूगल प्रीपेड कार्ड से भुगतान कर सकेंगे।
Read more :-